राजभाषा कार्यान्वयन समितियॉँ
हिन्दी के प्रगामी प्रयोग की समीक्षा करने के लिए प्रत्येक मंत्रालय/विभाग में एक-एक राजभाषा कार्यान्वयन समिति बनाई गई है जिसकी अध्यक्षता साधारणतया संयुक्त सचिव तथा कहीं –कहीं अपर सचिव स्तर के अधिकारी करते हैं। संबद्ध और अधीनस्थ कार्यालयों को छोड़कर जिनमें 25 अथवा उससे अधिक कर्मचारी हैं, राजभाषा कार्यान्वयन समितियॉँ बनाई गई हैं। यदि किसी विभाग के दो या उससे अधिक कार्यालय एक ही जगह पर हों तो उनकी सम्मिलित रूप से एक की समिति बनाई जा सकती है। इनकी बैठकें हर तिमाही में एक बार बुलाई जानी अपेक्षित हैं। बैठकों में राजभाषा अधिनियम 1963 और उसके अंतर्गत बने राजभाषा नियम 1976 तथा अन्य आदेशों के अनुसार हिन्दी के प्रयोग की स्थिति की समीक्षा की जाती है और कमियों को दूर करने के उपाय किए जाते हैं। इन समितियों में संबंधित विभाग या कार्यालय के ही अधिकारी सदस्य होतो हैं जो वहॉँ होने वाले कार्यों और वहॉँ की कठिनाइयों आदि से परिचित होते हैं और उनका हल सोच सकते हैं।